सम्माननीय पालक,
प्रिय छात्र/ छात्रा
धर्म
शिक्षा और राजनीति के लिए प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगर बुरहानपुर के विकास के लिए
सेवासदन शिक्षा महाविद्यालय का योगदान अविस्मरणीय है। महाविद्यालय की इस विकास
यात्रा में संस्थापक, प्राचार्य, स्वर्गीय घनश्यामदास चौकसे साहब
के साथ-साथ समिती के अध्यक्ष पद को सुशोभित करने वाले स्व. केशवराव देशमुख, स्व. विश्वनाथ शास्त्री, स्व. ठा. नवलसिंह, स्व. फकीरचंद कपूर, स्व. ठा. शिवकुमारसिंह और स्व.
ठाकुर महेंद्रकुमारसिंह जैसे कर्मयोगियों का मैं स्मरण करते हुए श्रद्धासुमन
अर्पित करता हूँ। इन महापुरुषों के कुशल नेतृत्व,
उचित मार्गदर्शन,
अतुल्य निष्ठा और समर्पणभाव ने सेवासदन शिक्षा
महाविद्यालय को समूचे मध्यप्रदेश में उत्कृष्ठ स्थान दिलाया है। इसी गौरवशाली
विकासयात्रा को आगे बढ़ाते हुए पूर्व अध्यक्ष स्व. ठा. महेन्द्रसिंह ठाकुर ने अपनी
दूरदृष्टि के फलस्वरूप सन् 2006 में शिक्षा महाविद्यालय की स्थापना की थी। बाद में
क्षेत्र के विकासपुरुष स्व.ठा. वीरेन्द्रसिंहजी ने इस संस्थान को विकास का नया
आयाम प्रदान किया। साथ ही हमारे महाविद्यालय को सर्वसुविधायुक्त उच्च शिक्षा
संस्थान बनाया। श्री वीरेन्द्रसिंहजी बुरहानपुर में महानगर जैसी शैक्षणिक सुविधाएँ
उपलब्ध करवाना चाहते थे इसलिए आपने सेवासदन शिक्षा महाविद्यालय को नवशृंगारित रूप
प्रदान किया। वर्तमान अध्यक्ष श्रीमती तारिका देवी जी स्व. श्री वीरेन्द्रसिंहजी
की जीवनसंगिनी उनके सपनों को साकार करने
का सार्थक प्रयास कर रही है।
महाविद्यालय
परिवार एक संयुक्त परिवार की तरह है जिसमे प्रबंधकगण, प्राचार्य, प्राध्यापक, कर्मचारी और छात्र/छात्राएँ आते
है। इन सभी अंगो को जोड़ने का तंतु है एक दूसरे के प्रति अटूट विश्वास और आत्मियता, छात्रों में अनुशासन, आचरण और अध्ययन के प्रति
अभिरुची बेमिसाल है। नगर का सबसे बडा महाविद्यालय होने पर भी यहाँ किसी भी प्रकार
की अप्रिय घटना आज तक घटित नही हुई है,
न कोई छात्र आंदोलन,
न कोई छात्र उद्दंडता का व्यवहार इसके लिये यहाँ
के शिक्षकगण और छात्रगण प्रशंसा के पात्र है। यह अति प्रसन्नता की बात है कि इस
महाविद्यालय में आज तक रेगिंग का एक भी मामला नहीं हुआ है क्योंकि यहाँ
के छात्र-छात्राएँ एक-दूसरे की अस्मिता का सम्मान करते है एवं मानवीय
मूल्यों को सर्वोपरी मानते है। शिक्षा महाविद्यालय के कर्मठ, अनुभवी एवं उच्च शैक्षणिक
योग्यता वाले प्राध्यापकों के निर्देशन में छात्रों ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय
में भी उच्च उपलब्धि प्राप्त की है। योग्य
प्राध्यापकों के नेतृत्व में भावी अध्यापकों को तैयार किया जा रहा है जो भावी समाज
को दिशा निर्देशित करने में सक्षम होंगे।
प्रिय छात्रो! सेवा सदन शिक्षा महाविद्यालय में
उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अनोखा अवसर आप को प्राप्त हो रहा है। समय का अधिकाधिक
सदुपयोग करते हुए आप अपने जीवन का विकास पूरा करे और अपने माता-पिता की आशाओं पर
खरा उतरे। जैसे मैने पहले कहा अनुशासन,
आचरण और अध्ययन को आधार बनाकर आप को अपना
सर्वांगीण विकास करना है।
विद्यांददाति विनयं विनयाद् याति
पात्रताम् |
पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः
सुखम् ||
अर्थात
विद्या विनय देती है, विनय
से पात्रता और पात्रता से धन प्राप्ति होती है। धन से धर्म और धर्म से सुख की
प्राप्ति होती है। अतः विनय, विद्या प्राप्ति का परिणाम है, सफल एवं सुखमयी जीवन का मूल
मंत्र है।
इस
संदेश के प्रकाशन का उद्देश्य महाविद्यालय में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों और
उनके पालकों को महाविद्यालय के बारे में अनिवार्य जानकारी प्रदान करना है। सेवासदन
शिक्षा महाविद्यालय आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है। मेरी शुभकामनायें आप
सभी छात्र-छात्राओं के साथ हैं।
धन्यवाद